Founders Talk - Chandan Nayal

 



"उत्तराखंड के नैनीताल जिले के दूरस्थ गांव नाई ब्लाक ओखलकाण्डा में एक सामान्य परिवार में मेरा जन्म हुआ शिक्षा के लिए चाचा जी के साथ नैनीताल ,रामनगर, हल्द्वानी जाना हुआ समय था गर्मियों की छुट्टी का तो अपने गांव आना होता था आसपास के जंगल चींड के होने के कारण धधकते थे ,बड़ी मन में पीड़ा होती थी इंजीनियरिंग डिप्लोमा करने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी के साथ साथ शुरू हुआ पेड़ लगाने का कार्य धीरे धीरे विभिन्न जगहों पर पेड़ लगाना शुरू किया तो प्राइवेट नौकरी भी छोड़ दी और गांव आकर गांव का जीवन जीने लगा और प्रकृति पर्यावरण संरक्षण का कार्य को गति दी अलग अलग गांवों में जाकर जागरूकता अभियान स्कूलों में जागरूकता अभियान विभिन्न वन पंचायतों में पौधारोपण कार्य प्रारंभ कर दिया अकेले चला पर धीरे धीरे लोग जुड़ने लगे और साथ मिलता गया , शुरू शुरू में परिवार और समाज के लोगों का विरोध भी बहुत सहना पड़ा पर जब लोग समझने लगे तो साथ जुड़ने लगे और प्रत्येक कार्य में सहयोग करने लगे गांव वालों के सहयोग से तीन हैक्टेयर के जंगल तैयार करने का कार्य किया साथ ही अभी तक 53800 पौधे रोपित किए जा चुके हैं और जो संरक्षित भी है साथ ही जल संरक्षण के लिए 3250 से अधिक चाल खाल खंतियां पोखर निर्माण कार्य किया गया है जिसमें हजारों लीटर पानी संचित किया जा चुका है साथ ही जल स्रोत रिचार्ज हुए हैं जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 2020 में वाटर हीरो से सम्मानित किया गया था साथ ही माननीय प्रधानमंत्री जी ने मन की बात के ट्वीटर अकाउंट में हमारे कार्यों को साझा किया 2018 में अपना शरीर मेडिकल कॉलेज शुशील तिवारी को दान कर दिया ताकि मेरे मरने के बाद भी एक भी पेड़ मेरे लिए ना कटे आगे भी नदियों जल स्रोतों धारे नौलों को पुनर्जीवित करने पर कार्य किया जायेगा पहाड़ों में पानी की समस्या को लेकर हमारे द्वारा लगातार कार्य किया जायेगा"  -


चन्दन सिंह नयाल 

ग्राम नाई तोक चामा ब्लाक ओखलकाण्डा जिला नैनीताल उत्तराखंड

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